हां आप मेरे हो
हां आप मेरे हो .
कितनी बार कहु .
क्या बार-बार कहु .
एक बार कह तो दिया ना कि, आप मेरे हो .
समझते क्यों नहीं हो आप .
क्या हर बात लिख कर दू ?
क्या आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है ?
मेरे आपकी जिंदगी में ना रहने से .
या फिर आप खुद से सच को छिपा रहे हो .
अपने आप को दबा रहे हो .
क्या आपको मंजूर है मेरे बिना रहना ?
बोलो जवाब दो चुप क्यों हो ?
क्या आप नहीं चाहते हो, हम साथ जिंदगी बिताये .
रिश्तों के मोल में प्यार को निभाए .
क्या आप सौंप दोगे किसी को भी खुद को ?
क्या भुला दोगे आप खुद के वजूद को ?
आप क्या चाहते हो खुलकर तो कहो ?
कुछ फर्क नहीं पड़ता है तो क्यों सोचते हो इतना ?
इतना प्यार क्यों करते हो .
आपको हम गलत लगते है तो .
हां हम गलत है.
बहुत गलत है .
हर बार गलत है .
बार बार गलत है .
तो क्या छोड़ दोगे हमे ?
उसी तरह जैसे हम पहले थे .
क्या आप हमारा हर ख्वाब तोडना चाहते हो .
हमसे खुद को मोड़ना चाहते हो .
आपके ना रहने से क्या हम खुश रहेंगे ?
खुद की आँखों से क्या हम खुद नहीं बहेंगे ?
फिर भी आपको लगता है कि नहीं .....
तो चले जाइये .
फिर भी आप मेरे हो .
हर बार मेरे हो .
बार बार मेरे हो .
दूसरा कोई पूछेगा तब भी आप मेरे हो .
और आप जिंदगी में नहीं रहोगे .
तब भी आप मेरे हो .
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