जरूरत है अपनों के साथ की और एक प्यारे से अहसास की
हां परेशानियां है मेरी जिंदगी में. बहुत परेशानियां इतनी की कभी कभी तो इतना उदास हो जाता हूं कि समझ नहीं आता कि क्या करे और क्या नहीं. क्योकि मुझे खुद की फिक्र है और उससे ज्यादा अपनों की. मैं नहीं चाहता हूं कि मेरे साथ मेरे अपने भी परेशानियों का सामना करे. दुःख झेले. मैं उनके लिए हर परेशानी सहने को तैयार हूं किन्तु में नहीं चाहता हूं की मेरे साथ मेरा घर परिवार भी उस लम्बी लाइन में खड़ा हो जहा मैं खड़ा हूं. मैं उन्हें उनका बेहतर कल नहीं बल्कि आज भी बेहतर देना चाहता हूं. उन्हें हर हाल में खुश देखना चाहता हूं, क्योकि जो भी है सब वही तो है.