"बेहतर भारत" बनाये
बड़ी खुशी की बात है देश के विकास में आज कुछ लोग और जन भागीदार बन गए है. जिन्होंने भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होकर यह सिद्ध कर दिया की देश के विकास के लिए हर कदम पर वे उनके साथ खड़े है. बात हार या जीत की नही है, किन्तु आज मेरा उन लोगो से सवाल है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर उंगलिया उठा रहे थे, जिन्हें उनके द्वारा किया गया काम नजर ही नही आ रहा था. जो सिर्फ यह कहते थे कि मोदी जी भाषण बाजी और जुमले बाजी करते फिरते है. कुछ लोगो ने तो ऐसी बाते भी कही है, जिन्हें सुनकर ही हँसी आ जाती है, जिसमे कहा कि मोदी जी को नोटबंदी करने से पहले बताना चाहिए था. उन्हें अचानक से ऐसा फैसला नही करना चाहिए था.... गजब के लोग है जो ऐसी बाते करते है......
वही कुछ लोग नोटबंदी को लेकर रोने रो रहे थे जो अपनी हर सभा में मोदी जी को फ्लॉप बता रहे थे, उनकी तुलना जाने किस किस से की जा रही थी, किन्तु जनता ने इन सभी को ऐसा करारा तमाचा मारा है कि आने वाले एक साल तक तो वे अपना गाल ही मलते रहेंगे.एक बात और समझ नही आती कि पुरे देश में जितने भी राजनितिक दल है, सब नरेंद्र नरेंद्र मोदी के पीछे पड़े हुए, सब उन्हें हराने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है, को खाट सभा कर रहा है तो कोई सायकल यात्रा, कोई धरने दे रहा है तो कोई रोड जाम कर रहे है, ट्रेनों को रोक रहे है, और साथ में कह रहे है कि मोदी जी द्वारा देश का विकास नही किया जा रहा है, जिसके कारण यह सब कर रहे है, किन्तु क्या आप ट्रेनों को रोककर, किसी गरीब की दुकाने बंद करवाकर या फिर रोड जाम करके देश के विकास में सहयोग दे रहे हो???? आप इतना विरोध करने के बाद भी वही हो जहा पहले थे, और उससे भी निचे गिरते जा रहे हो.
बस इतना ही कहना है कि हो सके तो अपने कीमती दिमाग में अच्छे और बुरे का ज्ञान बिठाये, इससे आपका भी भला होगा और देश का भी. विरोध सभी करते है किन्तु कोई व्यक्ति देशहित में कोई काम कर रहा है तो उसे पूरा समर्थन दे, नही तो अपनी बातो को अपने पास ही रखे. आपकी बातो से किसी का का भला नही होने वाला है, रही बात नरेंद्र मोदी जी की तो उनके सुशासन का उदाहरण तो आपने वर्तमान विधान सभा चुनाव में देख लिया होगा, आगे भी यकीनन नजर आएगा. किन्तु अब देश को बदलने की जरूरत है, साथ पसन्द वाली बात को छोड़कर भारत को सिर्फ भारत नहीं "बेहतर भारत" बनाये. जय हिन्द .....
कवि-बलराम सिंह राजपूत
कवि हूं कवितायें सुनाता हूं
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